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तरबूज़ खाने के होते हैं ढेरों फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप
हमारे शरीर की सेहत लिए काफ़ी फायदेमंद होता हैं तरबूज़।
गर्मियों में गले को तर करने और गर्मी को दूर करने का तरबूज से अच्छा और कोई विकल्प नहीं है। तरबूज गर्मियों का सबसे खास फल है, जो न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि भूख को भी शांत करता है। आज हम तरबूज के उन फायदों की बात करेंगे, जिनके बारे में शायद हमे पता न हो।
इससे पहले इस ख़ास फल के बारे में जान लेते हैं...
- यह फल कई जरूरी पोषक तत्वों से भरा है, इसलिए यह शरीर से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करने का काम कर सकता है। तरबूज फाइबर, पोटैशियम, आयरन और विटामिन-ए, सी व बी से समृद्ध होता है, लेकिन इस फल को सबसे ज्यादा खास इसमें मौजूद लाइकोपीन नामक तत्व बनाता है। यह तत्व एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और इसी से फल को गहरा लाल रंग मिलता है।
तरबूज के बारे में जानने के बाद आगे जानिए तरबूज खाने के फायदे...
स्वस्थ हृदय....
- हृदय स्वास्थ्य के लिए तरबूज के फायदे बहुत हैं। शोध के अनुसार, रोजाना तरबूज खाने या इसका जूस पीने से खराब कोलेस्ट्रॉल के संचय को रोका जा सकता है, जो हृदय रोग का कारण बन सकता है। अध्ययन के अनुसार तरबूज के इन हृदय-स्वस्थ गुणों के पीछे तरबूज में पाया जाने वाला साइट्रलाइन नामक पदार्थ है। शोध में बताया गया है कि साइट्रलाइन अच्छी तरह से एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक जमने की समस्या) पर लाभकारी प्रभाव डाल सकता है । दरअसल, कोरोनरी धमनियों में प्लाक को कम करने में सहायक हो सकता है।
- एथेरोस्क्लेरोसिस एक हृदय रोग है, जिसमें धमनी की दीवारों पर वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का निर्माण होने लगता है। इसके अलावा, साइट्रलाइन रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में धमनी की कठोरता (Arterial Stiffness) को कम करने का काम भी काम करता हैं।
पाचन तंत्र....
- पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए तरबूज आपकी मदद कर सकता है। तरबूज में पानी की अधिकता होती है और पानी भोजन पचाने में सबसे अहम तत्व माना जाता है। इसके अलावा, इसमें फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कब्ज, डायरिया व गैस जैसी समस्याओं से निजात दिलाने का काम करता है। पेट की दिक्कतों से बचे रहने के लिए आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं।
वेट लॉस...
- वजन घटाने के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। जो लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं, वो अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं। वजन कम करना, तरबूज के सबसे अच्छे स्वास्थ्य लाभों में से एक है। तरबूज में कैलोरी की मात्रा कम होती है, जबकि फाइबर अधिक पाया जाता है। इसके अलावा, यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में भी सहायक हो सकता है।
- तरबूज का सेवन बढ़ते वजन की समस्या में उपयोगी पाया गया है। यह पेट को ज्यादा देर तक भरा रख सकता है, जिसकी वजह से लोगों की भूख कम लग सकती है और लोग कम खा सकते हैं। ऐसे में वजन कम करने के डाइट में स्नैक्स के तौर पर तरबूज को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
डिहाईड्रेशन....
- शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है, यानी आपके शरीर में जल पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए। डिहाइड्रेशन कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कब्ज, कमजोरी, सिर चकराना, सिर दर्द, मुंह सुखना, पेट फूलना व लो बीपी आदि तरबूज में पानी की अधिकता होती है, इसलिए यह शरीर को हाइड्रेट रखने का काम करता है। खासकर, गर्मियों के दौरान निर्जलीकरण की समस्या ज्यादा होती, इसलिए डॉक्टर भी तरबूज का जूस पीने की सलाह देते हैं। यह शरीर को रिहाइड्रेट करता है और पेट को ठंडा रखता है।
कैंसर....
- कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। तरबूज में लाइकोपीन नामक तत्व पाया जाता है, जो कैंसर से बचाव कर सकता है। लाइकोपीन की वजह से तरबूज को लाल रंग प्राप्त होता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, इसलिए यह शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकता है।
- एक अध्ययन के अनुसार, लाइकोपीन में कीमो प्रिवेंटिव गुण मौजूद होते हैं, जो खासकर प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। एक अन्य अध्ययन के अनुसार लाइकोपीन अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम या रोक सकता है।
मांसपेशियों का दर्द....
- मांसपेशियों में होने वाले दर्द के लिए भी तरबूज फायदा पहुंचा सकता है। यह खास फल इलेक्ट्रोलाइट्स और अमीनो एसिड साइट्रलाइन से समृद्ध होता है, कसरत के बाद गले की मांसपेशियों में होने वाले दर्द को शांत कर सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, तरबूज में मौजूद साइट्रलाइन मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसलिए, मांसपेशियां के दर्द से बचे रहने के लिए आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता
- विटामिन-सी से भरपूर होने के कारण तरबूज शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसके अलावा, तरबूज में फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। वहीं आंतों का स्वास्थ्य अच्छे बैक्टीरिया के माध्यम से रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में सहायक हो सकता है।इस खास फल में विटामिन-बी6 भी होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी का उत्पादन करने में मदद करता है। तरबूज में मौजूद विटामिन-ए प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करता है और संक्रमण से बचाता है। एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत रहना बहुत जरूरी है। इसलिए, आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को स्थान दे सकते हैं।
रक्तचाप....
- तरबूज साइट्रलाइन नामक एमिनो एसिड से समृद्ध होता है, जो रक्तचाप के लिए फायदेमंद हो सकता है। फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार, साइट्रलाइन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
- तरबूज पोटैशियम का भी अच्छा स्रोत है, जिसे उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए जाना जाता है। पोटैशियम एक इलेक्ट्रोलाइट भी है, जो व्यायाम के दौरान रक्तचाप को नियंत्रित करता है। एक अन्य अध्ययन भी तरबूज के रक्तचाप नियंत्रण गुण का समर्थन करता है। शोध में पाया गया है कि तरबूज सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्त्चाप को कम कर सकता है।
आंखों के लिए....
- आंखों के लिए भी तरबूज के लाभ बहुत हैं। तरबूज विटामिन-ए का अच्छा स्रोत है, जो आंख के रेटिना में पिगमेंट का उत्पादन करने में मदद करता है। इससे उम्र से संबंधित नजर के धुंधलेपन को दूर करने में मदद मिल सकती है। विटामिन-ए को रेटिनॉल भी कहा जाता है, जो कम रोशनी में अच्छी दृष्टि को बढ़ावा देता है।
- फेडरल गवर्नमेंट नेशनल आई इंस्टिट्यूट द्वारा प्रायोजित ‘द एज-रिलेटेड आई डिसीज स्टडी’ (AREDS) में पाया गया कि विटामिन-सी और ई, β-कैरोटीन, जिंक व कॉपर के साथ मिलकर एएमडी के जोखिम को लगभग 25 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।
- एएमडी (Age-Related Macular Degeneration) आंख संबंधी एक चिकित्सीय स्थिति है, जो 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में आंखों की रोशनी कम होने का प्रमुख कारण बनती है। यह बीमारी मैक्युला को नुकसान पहुंचाती है, जो रेटिना के केंद्र के पास होता है। मैक्युला हमें उन वस्तुओं को देखने में मदद करता है, जो सीधे आंखों के आगे होती हैं।
डायबिटीज....
- तरबूज को डायबिटीज के मरीजों के डाइट में भी शामिल किया जा सकता है। दरअसल, एक रिपोर्ट के अनुसार, तरबूज में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटीडायबीटिक गुण भी होते हैं। तरबूज कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होता है, इसलिए यह टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।हालांकि, ध्यान रहे कि तरबूज के पोषक तत्वों के लिए इसे डायबिटीज डाइट में शामिल करते वक्त इसकी मात्रा का ध्यान रखें। बेहतर है इस बारे में डॉक्टरी परामर्श लिया जाए।
हीट स्ट्रोक....
- हीट स्ट्रोक को लू लगना भी कहते हैं। यह वो अवस्था है, जिसमें गर्मी के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है और ठंडा नहीं हो पाता है। इसके होने के पीछे का कारण तेज गर्मी में अधिक समय बिताना और नॉन एल्कोहलिक तरल का कम सेवन करना है। कई मामलों में यह घातक भी हो सकता है। वहीं, तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह शरीर को निर्जलीकरण से बचाने का काम करता है। चीनी चिकित्सा में भी इसका बहुत महत्व है। तरबूज उन कुछ फलों में से एक है, जो गर्मी में प्यास बुझाने और थकावट को दूर करने का काम करता है। शरीर में तरल की मात्रा बनी रहने से हीट स्ट्रोक ज्याद प्रभाव नहीं डालता है।
हड्डियों के लिए....
- हड्डियों के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। तरबूज विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार शरीर में विटामिन-सी की कमी से स्कर्वी और हड्डियों में दर्द जैसी समस्या हो सकती है।
- स्विट्जरलैंड के एक अध्ययन से पता चलता है कि तरबूज में मौजूद लाइकोपीन ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी के फ्रैक्चर होने की आशंका को रोक सकता है। इसके अलावा, तरबूज में मौजूद विटामिन-ए हड्डी के विकास को बढ़ावा देने का काम करता है।
हृदय कोशिकाओं के लिए....
- जैसा कि हमने पहले बताया कि तरबूज लाइकोपीन से समृद्ध होता है और लाइकोपीन वो खास तत्व है, जो फ्री रेडिकल के कारण हृदय रोग से जुड़ी कोशिकाओं की क्षति को रोकने का काम कर सकता है। ऐसे में कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए तरबूज का सेवन लाभकारी हो सकता है।
जलन-सूजन....
- तरबूज में मौजूद लाइकोपीन एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है, जो जलन और सूजन जैसी स्थिति में फायदा पहुंचा सकता है। इसके अलावा, तरबूज में कोलाइन नामक तत्व भी पाया जाता है, जो एंटीनोसाइसेप्टिव और एंटीइंफ्लेमेटरी से समृद्ध होता। ये दोनों तत्व शरीर में दर्द, सूजन व जलन की स्थिति में फायदा पहुंचा सकते हैं।
शरीर में ऊर्जा....
- शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए तरबूज का नियमित सेवन कर सकते हैं। तरबूज विटामिन-बी का अच्छा स्रोत है, जो शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है। तरबूज जरूरी विटामिन, जैसे बी6 से समृद्ध होता है, जो ऊर्जा के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। इसके अलावा, तरबूज में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जो थकावट और प्यास को दूर कर खोई हुई ऊर्जा की पूर्ति करता है।
त्वचा के लिए....
- त्वचा के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। इसमें पानी की अधिकता होती है, इसलिए यह त्वचा के सूखेपन को दूर कर स्कीन को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज करने का काम करता है।
- तरबूज विटामिन-ए से भी समृद्ध होता है, जो त्वचा के बड़े रोम छिद्रों को कम कर सकता है।
एसिडिटी....
- पाचन तंत्र खराब होने पर कब्ज हो सकती है, जिसमें व्यक्ति का मल सख्त हो जाता है और मल त्याग में कठिनाई आती है। कब्ज बच्चों, वृद्धों और गर्भवती महिलाओं में आम है। कब्ज दुनिया भर में सबसे आम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की शिकायत है, जिसके सालाना दो मिलियन से अधिक मामले सामने आते हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए तरबूज आपकी मदद कर सकता है। तरबूज में जल और फाइबर जैसे पोषक तत्वों की अधिकता होती है, इसलिए यह कब्ज की समस्या से निजात दिला सकते हैं।
एनीमिया....
- अगर शरीर को पर्याप्त आयरन न मिले तो एनीमिया की समस्या हो सकती है। वहीं, विटामिन सी और फोलिक एसिड के साथ आयरन मौजूद होता है जो एनीमिया से बचाव के लिए उपयोगी हो सकता है। ऐसे में खून की कमी से बचाव के लिए तरबूज को डाइट में जरूर शामिल करें।
तनाव....
- तनाव से मुक्ति पाने की लिए भी तरबूज का सेवन किया जा सकता है। तरबूज विटामिन-सी से समृद्ध होता है, जो एंटीस्ट्रेस के रूप में जाना जाता है। विटामिन-सी एक प्रसिद्ध एंटीऑक्सीडेंट है, जो चिंता, तनाव, अवसाद व थकान को दूर करने और मनोदशा को ठीक करने का काम करता है।
- अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन-सी ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस व न्यूरो साइकोलॉजिकल विकारों को दूर कर सकता है।
तरबूज के फायदों के बाद आगे जानिए कि इसमें कौन-कौन से पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं।
पोषक तत्व मात्रा ( प्रति 100 ग्राम)
पानी (ग्राम) 91.45
ऊर्जा (kcal) 70-80
प्रोटीन (ग्राम) 0.61
कुल फैट (ग्राम) 0.15
कार्बोहाइड्रेट (ग्राम) 7.55
कुल डाइटरी फाइबर (ग्राम) 0.4
शुगर (ग्राम) 6.20
मिनरल्स
कैल्शियम (मिलीग्राम) 7
आयरन (मिलीग्राम) 0.24
मैग्नीशियम (मिलीग्राम) 10
फास्फोरस(मिलीग्राम) 11
पोटैशियम (मिलीग्राम) 112
सोडियम (मिलीग्राम) 1
जिंक (मिलीग्राम) 0.10
विटामिन्स
विटामिन सी (मिलीग्राम) 8.1
थायमिन (मिलीग्राम) 0.033
राइबोफ्लेविन (मिलीग्राम) 0.021
नियासिन (मिलीग्राम) 0.178
विटामिन बी -6 (मिलीग्राम) 0.045
फोलेट, डीएफई (µg) 3
विटामिन ए, आरएई (µg) 28
विटामिन ए, (IU) 569
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफ़ेरॉल) (मिलीग्राम) 0.05
विटामिन डी (डी 2 + डी 3) 0.0
विटामिन डी (IU) 0
विटामिन के (फाइलोक्विनोन) (µg) 0.1
लिपिड
फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड(ग्राम) 0.016
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड (ग्राम) 0.037
फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड (ग्राम) 0.050
फैटी एसिड, कुल ट्रांस (ग्राम) 0.00
कोलेस्ट्रॉल (मिलीग्राम) 0
कैलरी : 100 ग्राम तरबूज में लगभग 70-80 कैलोरी होती हैं।
विटामिन : तरबूज विटामिन का बड़ा स्रोत है। तरबूज में दो प्रमुख विटामिन हैं, विटामिन ए और सी। तरबूज में विटामिन-ए कैरोटीनॉयड के रूप में मौजूद होता है। ताजा तरबूज के एक कप में लगभग 12 मिलीग्राम विटामिन-सी होता है।
पोटैशियम : एक कप कटे हुए तरबूज में पोटैशियम की दैनिक जरूरत का चार प्रतिशत होता है।
फाइबर : ताजे तरबूज के लगभग 175-200 कैलोरी में तीन से चार ग्राम डाइटरी फाइबर होता है, जो घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का अच्छा मिश्रण है।
कार्बोहाइड्रेट : तरबूज की 100 ग्राम मात्रा में 7.55 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है।
फैट की मात्रा : फल में फैट की मात्रा कम होती है। 100 ग्राम तरबूज में कुल फैट 0.15 ग्राम होता है।
लाइकोपीन : यह तरबूज के सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है। लाइकोपीन विटामिन-ए का एक प्रकार है, जो इसके अधिकांश लाभों के लिए जिम्मेदार है।
तरबूज से जुड़े कुछ रोचक तथ्य....
आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक के सबसे बड़े तरबूज का वजन 122 किलो दर्ज किया गया है। यह रिकॉर्ड 2005 में होप अरकांसा बिग वाटरमेलन प्रतियोगिता के दौरान दर्ज किया गया था।
तरबूज की 1,200 से अधिक किस्में हैं, जो दुनिया भर में उगाई जाती हैं।
कच्चे टमाटर की तुलना में तरबूज में 40% अधिक लाइकोपीन होता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि जापान में चौकोर तरबूज उगाया जाता है। इसके लिए वो तरबूज को शुरू से चौकोर कांच के बक्सों के अंदर रखते हैं, जिससे फल बढ़ने के साथ कंटेनर का आकार ले लेता हैं।
अब तो आप तरबूज के विभिन्न शारीरिक फायदों के बारे में जान गए होंगे। तो सोचिए मत, आज से ही तरबूज को अपने दैनिक आहार में शामिल करें। साथ ही इस बात को ध्यान में रखें कि अगर तरबूज के नियमित सेवन के दौरान कोई भी दुष्प्रभाव नजर आते हैं, तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें। आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी कैसी लगीं हमें कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें।
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